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महात्मा गांधी जी के विचार सर्वदा प्रसंगिक हैं…..प्राचार्या डॉ मीनाक्षी वाजपेयी

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय,खैर ,अलीगढ़ में आज 2अक्टूबर 2021को गांधी जी एवं भारत रत्न लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। प्रातः महाविद्यालय प्रांगण में प्राचार्या डॉ मीनाक्षी वाजपेयी जी द्वारा ध्वजारोहण एवं सामूहिक राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस पुनीत अवसर पर मां सरस्वती एवं दोनो महापुरुषों के समक्ष मंत्रोचार के साथ दीप प्रज्जलवन एवं माल्यार्पण प्राचार्या जी द्वारा किया गया। सभी प्राध्यापगण एवं छात्र/छात्राएं भी इस मांगलिक बेला में सहभागी रहें। छात्रा हिना शर्मा द्वारा वन्देमातरम राष्ट्रगीत की प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम मुख्य संयोजिका डॉ रेनू जैन ने बताया कि 1905 के बंगाल विभाजन के बाद वंदे मातरम की राष्ट्रीय आंदोलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका रही एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी ने ही वंदेमातरम को राष्ट्र गीत के रूप में अपनाए जाने की पैरवी की थी। बाद में यह राष्ट्र गीत बना। इसी क्रम में सर्व धर्म सभा में डॉ देवेंद्र पाल ने गीता के श्लोकों का पाठ किया। वरिष्ठतम प्राध्यापक डॉ आरके गोस्वामी ने बाइबिल का पाठ किया एवं छात्रा नमीरा अख्तर ने कुरान की आयतों को पढ़ा। गांधीजी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए का प्राचार्या , समस्त प्राध्यापकों, महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों ने सामूहिक गान किया। इस अवसर पर गांधी जी एवं शास्त्री जी के विषय में एक विचार गोष्ठी का आयोजन भी किया गया जिसमें विभिन्न छात्र छात्राओं जैसे खुशबू, राधा,स्नेह, मोनिका शर्मा, डॉली गुप्ता,सोनिया कुमारी, वंशिका गोयल,लक्ष्मी चौधरी अरुण आदि ने भाषण, कविता एवं गीत आदि के द्वारा अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी।शास्त्री जी के नैतिकता प्रधान एवं ईमानदार व्यक्तित्व को सभी ने याद किया । शारीरिक रुप से कमजोर दिखने वाले गांधीजी एवं शास्त्री जी के दृढ़ संकल्प से प्रेरणा लेने की बात छात्र/ छात्राओं की अभिव्यक्ति में स्पष्ट झलक रही थी। प्राध्यापक डॉ गौरव गोयल ने बताया कि भारत चीन युद्ध के बाद पाकिस्तान प्रायोजित ऑपरेशन जिब्राल्टर का जवाब लाल बहादुर शास्त्री जी द्वारा कूटनीतिक रणनीति द्वारा दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि देश के खाद्यान्न संकट के समय शास्त्री व्रत नाम से एक प्रकार का अभियान चला जो अविस्मरणीय है। डॉ आर के गोस्वामी ने गांधीजी एवं शास्त्री जी द्वारा प्रतिकूल स्थितियों का डट कर मुकाबला करने की क्षमता को विशेष रूप से रेखांकित किया। कार्यक्रम संचालिका डॉ रेनू जैन ने छात्र/ छात्राओ को खामोशी के साथ अपने कर्तव्य मार्ग पर डटे रहने का आह्वान किया एवं कहा कि जमाना अपने मुख से आपकी योग्यता बताएगा ।उन्होंने छात्र छात्राओं को गांधीजी के जीवन आदर्शो को जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया।प्राचार्या डॉ मीनाक्षी वाजपेयी जी ने समग्रता के साथ गांधी जी के जीवन आदर्शो को व्याहारिक स्तर पर अपनाने के लिए विद्यार्थियों से अपील की। उन्होंने गांधी जी के मानवतावादी दृष्टिकोण की बात करते हुए जीवन में उसके महत्व को अंगीकार करने के लिए सभागार में सभी को प्रेरित किया। गांधीजी के ग्राम स्वराज्य, अंत्योदय, नारी स्वावलंबन, ट्रस्टीशप, दलित वर्ग का उत्थान, धार्मिक सोहार्द मानवीय मूल्योंआदि अनेक पक्षों पर प्राचार्या जी ने विस्तार से बताया एवं वर्तमान में इन सभी की प्रासंगिकता पर बल दिया। गांधी जी एवं शास्त्री जी दोनो महापुरुषों को विचार रूपी श्रद्धा सुमन प्राचार्या डॉ मीनाक्षी वाजपेयी जी ने अर्पित किए। सभी छात्र/ छात्राओं के प्रस्तुतिकरण की उन्होंने प्रशंसा की एवं प्राध्यापक गण एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का भी उत्साहवर्धन किया। धन्यवाद ज्ञापन प्राध्यापिका डॉ वर्तिका अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम सामूहिक रामधुन के साथ संपन्न हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रम समिति में सभी ने एक टीम के रूप में कार्य किया । इस अवसर पर डॉक्टर एम पी सिंह, श्री रूमान सिंह, श्री अजय प्रताप सिंह, श्री धर्मेन्द्र सिंह चाहर, श्री प्रदीप कुमार, श्रीमती ललिता, डॉ कुमकुम पांडे, श्री दीपक गुप्ता, श्रीमती अनीता सक्सेना, श्री कोमल प्रसाद, श्री मनीष आदि महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहें।


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